🌹राखी का त्योहार🌹
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कभी छेड़ना कभी चिढ़ाना…थोड़ा खट्टा…मीठा!
भाई बहन का रिश्ता होता…यारों बड़ा अनूठा!
एक दूजे से लड़ते हरदम…फिर भी प्यार अपार!
पल में एक हो जाते दोनों….भूल जाते तकरार!
अपनी पसंद की राखी बंधवाऊंगा.. कहता भाई!
मुझे अच्छा सा तोहफा चाहिए..बहना भी फरमाई!
बहना की रक्षा की खातिर….भाई कसम उठाता!
भाई सदा रहे सलामत…. बहना का दिल चाहता!
कभी कोई रूठता इनमें…..कभी कोई मनाता!
बातें अपनी मनवाने को….समझौता हो जाता!
कच्चे धागों से बंधा….. ये रिश्ता बड़ा अनोखा!
भाई बहन के रिश्ते जैसा.. रिश्ता कोई ना होता!
दूर हो जाए चाहे कितने….प्यार नहीं कम होता !
लेकिन जब भी पास ये होते…युद्ध जरूर है होता!
छोटी छोटी सी बातों पर …. हो जाती तकरार!
भाई बहन का रिश्ता है ये….नहीं कोई व्यापार!
मेरा कम है तेरा ज्यादा…बचपन में जो लड़ते!
बड़े हो एक दूजे के लिए…त्याग सभी है करते!
बहना की आंँखों में आंँसू… देख ना पाता भाई!
उसका हर दुख दर्द मिटाकर..चैन तभी है पाई!
आओ चलो मनाएं हम सब…राखी का त्यौहार!
भाई बहन के प्यार से महका दे….सारा संसार!!
डॉक्टर सतीश चंद शर्मा